भारत सरकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना/ POST-MATRIC SCHOLARSHIP अल्पसंख्यक समुदायों के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करती है। यह योजना न केवल वित्तीय बाधाएं तोड़ती है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करती है।
पृष्ठभूमि: एक क्रांतिकारी पहल
जून 2006 में प्रधानमंत्री के 15-प्वाइंट कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यक कल्याण को प्राथमिकता दी गई। इसी कड़ी में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदायों के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई।
मुख्य उद्देश्य:
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को उच्च शिक्षा में समान अवसर देना
- शैक्षणिक उपलब्धि दर बढ़ाना
- रोजगार क्षमता विकसित करना
विशेष प्रावधान: 30% छात्रवृत्तियाँ लड़कियों के लिए आरक्षित। यदि पात्र आवेदक न मिलें, तो लड़कों को दी जाती हैं।
पात्रता: कौन कर सकता है आवेदन?
- समुदाय: मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन या पारसी
- शैक्षणिक योग्यता: पिछली कक्षा में न्यूनतम 50% अंक
- आय सीमा: परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से अधिक नहीं
- पाठ्यक्रम: कक्षा 11 से पीएचडी तक (तकनीकी/व्यावसायिक सहित)
- संस्थान: सरकारी/मान्यता प्राप्त निजी संस्थान
वित्तीय लाभ: कितनी मिलती है सहायता?
छात्रवृत्ति दरें (वार्षिक):
पाठ्यक्रम | हॉस्टलर छात्र | दिन-शिक्षार्थी (डे स्कॉलर) |
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कक्षा 11-12 | ||
– प्रवेश/ट्यूशन फीस | ₹7,000 (अधिकतम) | ₹7,000 (अधिकतम) |
– रखरखाव भत्ता (10 महीने) | ₹3,800 | ₹2,300 |
तकनीकी पाठ्यक्रम (11-12) | ||
– प्रवेश/पाठ्यक्रम शुल्क | ₹10,000 (अधिकतम) | ₹10,000 (अधिकतम) |
स्नातक/स्नातकोत्तर | ||
– प्रवेश/ट्यूशन फीस | ₹3,000 (अधिकतम) | ₹3,000 (अधिकतम) |
– रखरखाव भत्ता | ₹5,700 | ₹3,000 |
एम.फिल/पीएचडी | ||
– रखरखाव भत्ता | ₹12,000 | ₹5,500 |
नोट: भत्ता प्रति वर्ष अधिकतम 10 महीने दिया जाता है। हॉस्टलर में वे छात्र भी शामिल जो किराए के आवास में रहते हैं।
आवेदन प्रक्रिया: 7 चरणों में पूरा करें
- राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) पर जाएँ: scholarships.gov.in
- “नया पंजीकरण” पर क्लिक करें → दिशा-निर्देश पढ़ें
- आवश्यक विवरण भरें (आधार, मोबाइल, ईमेल) → “पंजीकृत करें”
- OTP से लॉगिन कर नया पासवर्ड सेट करें
- “आवेदन फॉर्म” में:
- “पोस्ट मैट्रिक अल्पसंख्यक” चुनें
- शैक्षणिक/आय/समुदाय विवरण भरें
- इन दस्तावेजों को स्कैन कर अपलोड करें:
- छात्र फोटो
- आय प्रमाणपत्र (स्वघोषणा)
- समुदाय प्रमाणपत्र (स्वघोषणा)
- पिछली कक्षा की अंकसूची
- बैंक खाता विवरण
- “फाइनल सबमिट” पर क्लिक करें → आवेदन संख्या सुरक्षित रखें
वैकल्पिक तरीका:
- राज्य के ई-दिशा या अटल सेवा केंद्र पर संपर्क करें
महत्वपूर्ण शर्तें व नियम
- नवीकरण: प्रति वर्ष 50% अंकों का प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य
- परिवार सीमा: एक परिवार में अधिकतम दो छात्रों को लाभ
- उपस्थिति: 75% से कम उपस्थिति पर छात्रवृत्ति रद्द
- धनराशि: सीधे छात्र के बैंक खाते में प्रेषित
- आवास परिवर्तन: शैक्षणिक वर्ष में संस्थान बदलने की अनुमति नहीं
विशेष प्रावधान: किन्हें मिलता है प्राथमिकता?
- आय आधारित चयन:
- BPL परिवारों को प्राथमिकता
- नए आवेदनों से पहले नवीकरण आवेदनों को प्रोसेस किया जाता है
- राज्यवार वितरण:
- अल्पसंख्यक आबादी (2001 जनगणना) के आधार पर
- 2024 में 2011 जनगणना के आधार पर संशोधन प्रस्तावित
नवीनतम अपडेट (2024)
- डिजिटल पहल: आधार-सीडेड बैंक खाते अनिवार्य
- पारदर्शिता: राज्यों को छात्रवृत्ति डेटा वेबसाइट पर अपलोड करना आवश्यक
- आय सीमा: कुछ राज्यों में ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹2.5 लाख की गई
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सफलता की कहानियाँ
रुकैया बेगम (जम्मू):
“पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के बिना मेरा एम.एससी करना असंभव था। आज मैं सरकारी स्कूल में शिक्षिका हूँ और अपने परिवार का समर्थन करती हूँ।”
हरजीत सिंह (पंजाब):
“इस योजना ने मेरी इंजीनियरिंग की फीस भरी और मुझे ₹5,700 मासिक भत्ता मिला। आज मैं टाटा मोटर्स में नौकरी करता हूँ।”
संदर्भ लिंक्स
- आधिकारिक पोर्टल – राष्ट्रीय छात्रवृत्ति
- अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय
- हरियाणा सोशल जस्टिस विभाग
- आवेदन गाइड PDF
निष्कर्ष: शिक्षा में बाधा नहीं, अवसर है!
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक युवाओं के लिए शैक्षिक क्रांति का द्वार खोलती है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है बल्कि सामाजिक समानता और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखती है।
“शिक्षा वह हथियार है जिससे आप दुनिया बदल सकते हैं।” – नेल्सन मंडेला
अधिक जानकारी के लिए:
- NSP हेल्पलाइन: 0120-6619540
- ईमेल: helpdesk[at]nsp[dot]gov[dot]in
- टोल फ्री: 14426
लेखक नोट: यह आलेख भारत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल की आधिकारिक जानकारी पर आधारित है।