हरियाणा स्टार्टअप नीति 2022: इन्क्यूबेटर्स को मिलेगा ₹2 करोड़ तक का सहारा, क्यों है ये गेम-चेंजर?

परिचय: सिर्फ आइडिया से कहीं आगे की जंग

What helps a startup thrive beyond just a brilliant idea? क्या फंडिंग, मेंटरशिप या कम्युनिटी सपोर्ट ही सफलता की चाबी है? असली जवाब है: एक मजबूत इकोसिस्टम जहाँ आइडिया प्रोडक्ट बन सके। भारत के ग्लोबल इनोवेशन हब बनने के सफर में हरियाणा ने अब कदम बढ़ाया है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में खुलासा हुआ: स्टार्टअप्स को सीधे फंड देने की बजाय, अब इन्क्यूबेटर्स को मजबूत किया जाएगा। ये नीति क्यों है “बीज बोने की रणनीति”? आइए जानते हैं।


पॉलिसी शिफ्ट: स्टार्टअप्स नहीं, इन्क्यूबेटर्स हैं लक्ष्य

उद्योग विभाग के कमिश्नर अमित अग्रवाल ने बताया: “इन्क्यूबेटर्स स्टार्टअप इकोसिस्टम की रीढ़ हैं। यहाँ आइडियाज़ को पोषण मिलता है, फाउंडर्स को मेंटरशिप मिलती है, और प्रोडक्ट्स टेस्ट होते हैं।”

  • क्यों जरूरी? 75% स्टार्टअप शुरुआती सपोर्ट के अभाव में फेल हो जाते हैं (स्रोत: NASSCOM)।
  • हरियाणा का फोकस: ग्रासरूट लेवल पर इनोवेशन को बढ़ावा देना।

योजनाओं का डिटेल्ड ब्रेकडाउन: क्या मिलेगा?

वित्तीय सहायता (Financial Assistance):

योजना का प्रकारसरकारी इन्क्यूबेटर्सप्राइवेट इन्क्यूबेटर्स
कैपिटल सब्सिडी50% सहायता (₹2 करोड़ तक)50% सहायता (₹1 करोड़ तक)
इनोवेशन कैम्पस/वेयरहाउस₹4 करोड़ + ₹1 करोड़/वर्ष (3 वर्ष)समान सहायता
मोबाइल ऐप डेवलपमेंट सेंटरसमान सहायतासमान सहायता
लीज रेंट रिइम्बर्समेंट50% (₹5 लाख/वर्ष तक)50% (₹5 लाख/वर्ष तक)
स्टांप ड्यूटी100% छूट100% छूट
मेंटरशिप इनिशिएटिव₹2.5 लाख/वर्षलागू नहीं
ग्लोबल एक्सपोजर सपोर्ट₹50 लाख/इवेंट तक₹50 लाख/इवेंट तक

नोट: ये स्कीम्स हरियाणा स्टेट स्टार्टअप पॉलिसी 2022 के तहत लॉन्च होंगी। पॉलिसी डॉक्यूमेंट यहाँ डाउनलोड करें


हरियाणा का स्टार्टअप लैंडस्केप: नंबर-वन बनने की तैयारी

अमित अग्रवाल के अनुसार:

  • DPIIT रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स: 8,800+ (भारत में 7वां रैंक)
  • यूनिकॉर्न्स: 19 (देश के 117 में से)
  • महिला फाउंडर्स: 45% स्टार्टअप्स वीमेन-लीड
  • प्रमुख सेक्टर: एग्रीटेक, हेल्थटेक, एडटेक, मैन्युफैक्चरिंग

इन्क्यूबेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर:

  • 25+ यूनिवर्सिटी इन्क्यूबेटर्स (कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, एनआईटी कुरुक्षेत्र)
  • 10+ प्राइवेट इन्क्यूबेटर्स (गुरुग्राम, फरीदाबाद में)
  • 10 सरकारी सपोर्टेड हब

सक्सेस स्टोरी: हिसार की AgriBot ने इन्क्यूबेटर सपोर्ट से विकसित होकर ₹50 करोड़ फंडिंग जुटाई।


एक्सपर्ट व्यू: क्यों है ये स्ट्रैटेजिक मूव?

स्टार्टअप इंडिया के पूर्व हेड अमिताभ कांत कहते हैं: “इन्क्यूबेटर्स इनोवेशन की नर्सरी हैं। हरियाणा का फोकस सीड-स्टेज पर इन्वेस्टमेंट करके सस्टेनेबल इकोसिस्टम बना रहा है।”

  • ग्राउंड लेवल इम्पैक्ट: रोहतक के कॉलेज स्टूडेंट्स अब अपने प्रोजेक्ट्स को स्टार्टअप में बदल सकेंगे।
  • जॉब क्रिएशन: 2023 में हरियाणा के स्टार्टअप्स ने 1.2 लाख नौकरियां दीं।

कैसे उठाएं लाभ? आवेदन प्रक्रिया

  1. योग्यता: सरकारी/निजी इन्क्यूबेटर होना चाहिए।
  2. आवेदन: हरियाणा उद्योग विभाग पोर्टल पर जाएँ।
  3. डॉक्यूमेंट्स:
    • इन्कॉर्पोरेशन सर्टिफिकेट
    • इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लान
    • मेंटर पैनल डिटेल्स
  4. मूल्यांकन: राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा।

टिप: स्कीम्स के लॉन्च होते ही विभाग वेबिनार आयोजित करेगा। अपडेट्स यहाँ ट्रैक करें


फ्यूचर आउटलुक: हरियाणा बन सकता है इंडियाज़ सिलिकॉन हार्टलैंड?

  • एडवांटेज: दिल्ली-एनसीआर की नजदीकी, यंग टैलेंट पूल, स्ट्रॉन्ग इंडस्ट्रियल बेस।
  • चुनौती: टियर-2 शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर गैप को पाटना।
  • प्रेडिक्शन: 2027 तक टॉप-5 स्टार्टअप हब बनने का लक्ष्य।

“हमारी विजन है: ‘ग्रो फ्रॉम ग्रासरूट टू ग्लोबल’। इन्क्यूबेटर्स को सशक्त बनाकर हम नए यूनिकॉर्न्स तैयार करेंगे।”
– अनुराग रस्तोगी, मुख्य सचिव, हरियाणा


संदर्भ लिंक्स

  1. हरियाणा स्टेट स्टार्टअप पॉलिसी 2022
  2. DPIIT स्टार्टअप इंडिया डैशबोर्ड
  3. इन्क्यूबेटर्स लिस्ट (हरियाणा)
  4. यूनिकॉर्न्स विथ हरयाणा रूट्स

निष्कर्ष: इनोवेशन के बीज बोता हरियाणा

हरियाणा सरकार की ये नई पहल साबित करती है कि सस्टेनेबल इकोसिस्टम बनाने के लिए “फर्टाइल ग्राउंड” तैयार करना जरूरी है। स्टार्टअप्स को सीधे फंडिंग देना फसल काटने जैसा है, जबकि इन्क्यूबेटर्स को सपोर्ट करना बीज बोने जैसा। जैसे-जैसे ये योजनाएं जमीन पर उतरेंगी, हरियाणा न केवल इंडस्ट्रियल हब बल्कि इनोवेशन पावरहाउस बनेगा।

“Build the ecosystem, and startups will bloom.” – Global Startup Ecosystem Report

अधिक जानकारी के लिए:

  • हेल्पलाइन: 1800-180-2027 (हरियाणा उद्योग विभाग)
  • ईमेल: startup[at]hry[dot]gov[dot]in
  • सोशल मीडिया: @StartupHaryana (Twitter)

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